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Bharat Ke Ajoobe: विश्व में प्रसिद्ध है भारत के ये पांच अजूबें, जिनके बारे में आप शायद जानते होंगे

Bharat Ke Ajoobe: विश्व में प्रसिद्ध है भारत के ये पांच अजूबें, जिनके बारे में आप शायद जानते होंगे
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Bharat Ke Ajoobe: दुनिया के सात अजूबों के बारे में आप लोगों ने जरूर सुना होगा और इच्छा भी करती है इन जगहों को घूमने की. लेकिन आज के इस व्यस्त भरे जीवन में समय नहीं मिलता हैं. इसलिए आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए भारत में स्थित कुछ अजूबों के बारे में बताएंगे जिसे देखने और घूमने के लिए आपको इंतजार नहीं करना पड़ेगा और कम समय में भी आप इन जगहों को घूमकर अपने घर आ सकते हैं. चलिए जानते है भारत के उन पांच अजूबों (Bharat Ke Ajoobe) के बारे जो आज पुरे विश्व में प्रसिद्द है-

भारत के पांच अजूबे (Wonder of India In Hindi)

नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार

बिहार की राजधानी पटना से लगभग 88.5 किलोमीटर दूर स्तिथ नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. आज इस विश्वविद्यालय की हालत एक खंडहर की तरह हो गई है. लेकिन एक ज़माने में इस विश्वविद्यालय में बहुत ही रौनक हुआ करती थी. यहाँ 10000 छात्रों को पढ़ाने के लिए उस समय 1000 शिक्षक मौजूद थे. प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था. इस विश्वविद्यालय का निर्माण गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम ने 450-470 के दौरान किया था. यह विश्व का प्रथम पूर्णतः आवासीय विश्वविद्यालय था.

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सातवीं शती में जब ह्वेनसाङ आया था उस समय 10000 विद्यार्थी और 1510 शिक्षक नालंदा विश्वविद्यालय में थे. इस विश्वविद्यालय में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, फारस तथा तुर्की से भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे. विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों और आचार्यों के अध्ययन के लिए, नौ तल का एक विराट पुस्तकालय था जिसमें 3 लाख से अधिक पुस्तकों का संग्रह था. लेकिन बाद में बहरी आक्रमणकारियों द्वारा इस विश्वप्रसिद्ध विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया गया ताकि हिंदुस्तान की सबसे पुरानी धरोहर और संस्कृति को इतिहास के पन्नों से हटाया जा सके.

स्वर्ण मंदिर अमृतसर, पंजाब

स्वर्ण मंदिर भारत के राज्य पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है. जैसा नाम से प्रतीत हो रहा है ये मंदिर स्वर्ण (सोने) से बना हुआ है. सिख समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक इस मंदिर को सिखों के चौथे गुरु राम दास ने बनवाया था. इसे ‘भगवान का घर’ भी कहां जाता है. पूरा अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ बसा हुआ है.

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मंदिर को बाहरी आक्रमणकारियों द्वारा कई बार नष्ट किया जा चुका है। आपको बता दें इस मंदिर को जितनी बार नष्ट किया गया है और जितनी बार यह बनाया गया है उसकी हर घटना को मंदिर में दर्शाया गया है। अनुमान है कि करीब 40 हजार लोग रोज यहाँ लंगर का प्रसाद ग्रहण करते हैं। सिर्फ भोजन ही नहीं, यहां श्री गुरु रामदास सराय में गुरुद्वारे में आने वाले लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था भी है।

आगरा का ताजमहल

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्तिथ यह एक खूबसूरत संगमरमर का मकबरा है,  जिसे मुग़ल शासक शाहजहां ने साल 1632 में अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बनवाया था. क्षेत्रफल की दृष्टि से ताजमहल 17-हेक्टेयर (42 एकड़) में फैला हुआ है. ताजमहल को 1983 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया है. ये सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सात अजूबों में भी शामिल है. ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है. जैसे ही कोई ताजमहल के द्वार से प्रविष्ट होता है, सुलेख है-

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“हे आत्मा ! तू ईश्वर के पास विश्राम कर। ईश्वर के पास शांति के साथ रहे तथा उसकी परम शांति तुझ पर बरसे।”

ताजमहल को सम्पूर्ण भारत एवं एशिया से लाई गई सामग्री से निर्मित किया गया था। 1,000 से अधिक हाथी निर्माण के दौरान यातायात हेतु प्रयोग हुए थे। पराभासी श्वेत संगमरमर पत्थर को राजस्थान मकराना से लाया गया था, जैस्पर को पंजाब से, हरिताश्म या जेड एवं स्फटिक या क्रिस्टल को चीन से। तिब्बत से फीरोजा़, अफगानिस्तान से लैपिज़ लजू़ली, श्रीलंका से नीलम एवं अरबिया से इंद्रगोप या (कार्नेलियन) लाए गए थे। कुल मिला कर अठ्ठाइस प्रकार के बहुमूल्य पत्थर एवं रत्न श्वेत संगमर्मर में जडे. गए थे।

 कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा

ओडिशा में कोणार्क नामक स्थान पर स्तिथ यह मंदिर जगन्नाथ पूरी से 35 km की दुरी पर स्तिथ है. ये मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है. इस मंदिर को राजा नरसिंघ देव 1 ने 1253 से 1260 ई. के बीच करवाया था. यह मन्दिर, भारत के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है.  इसे युनेस्को द्वारा सन् 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया.

सम्पूर्ण मन्दिर स्थल को बारह जोड़ी चक्रों के साथ सात घोड़ों से खींचते हुये निर्मित किया गया है, जिसमें सूर्य देव को विराजमान दिखाया गया है. इस मंदिर को पूर्व दिशा की ओर इस तरह से बनाया गया है कि सूरज की पहली किरण सीधे मंदिर के प्रवेश द्वार में आए.

खजुराहो का मंदिर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के खजुराहों में चंदेल राजाओं द्वारा बनाया गया खूबसूरत मंदिरो का समूह है. यह छतरपुर जिले में स्थित है. यह मंदिर भी UNESCO world heritage site में शामिल है. इसका इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है. यह शहर चन्देल साम्राज्‍य की प्रथम राजधानी था.  चन्देल वंश और खजुराहो के संस्थापक चन्द्रवर्मन थे.

खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ईसवीं से 1050 ईसवीं के बीच इन्हीं चन्देल राजाओं द्वारा किया गया. यहाँ जैन और हिन्दू धर्म की मूर्तियां उपस्थित है. ये मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है. मंदिरो की दीवारों पर कई तरह की कामुक मूर्तियों को दर्शाया गया है जो प्राचीन समय के काम वासना को दर्शाता है.

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Updated On: June 4, 2022 6:33 pm

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