कोरोना संकट ने पीएम नरेंद्र मोदी का वो सपना किया पूरा जो नोटबंदी भी नहीं कर पाई

मार्च 2020 में देश में दस्‍तक देने वाले कोरोना वायरस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को पूरा कर दिया. दरअसल, कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लोगों ने नकदी भुगतान के बजाय डिजिटल पेमेंट को तव्‍वजो दी.

Advertisements
Advertisements

केंद्र की मोदी सरकार ने 4 साल पहले जब नोटबंदी (Demonetization) की थी तो इसके फायदे गिनाते हुए कहा था कि इससे डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को बढ़ावा मिलेगा. कुछ समय तक ऐसा हुआ भी लेकिन जब नए करेंसी नोट (Currency Notes) पर्याप्‍त मात्रा में आ गए तो लोगों ने फिर राशन के सामान, बिजली बिल और दूसरे भुगतान में नकदी का इस्‍तेमाल (Cash Transactions) शुरू कर दिया. हालांकि, सरकार को डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में उम्‍मीद के मुताबिक, सफलता नहीं मिल पाई. इसके बाद मार्च 2020 में देश में दस्‍तक देने वाले कोरोना वायरस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को पूरा कर दिया. दरअसल, कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लोगों ने नकदी भुगतान के बजाय डिजिटल पेमेंट को तव्‍वजो दी.

कोविड-19 से बचने के लिए नकद भुगतान में आई कमी

महामारी के दौरान करेंसी नोट्स को इस्‍तेमाल करने में लोगों के डर को इसी से समझा जा सकता है कि जून 2020 के दौरान देश में डिजिटल पेमेंट के आंकड़े सर्वोच्‍च स्‍तर पर पहुंच चुके हैं. हालांकि, इससे पहले अप्रैल 2020 में कारोबारी गतिविधियों के ठप पड़ जाने के कारण बैंकों से इलेक्‍ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर तेजी से घटा था. इसके बाद लॉकडाउन में ढील और बाजारों के खुलने पर इसमें फिर तेजी आ गई. गेट सिंपल टेक्‍नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ नित्‍यानंद शर्मा ने बताया कि इस समय वो लोग भी ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं, जिन्‍होंने पहले कभी राशन तक ऑनलाइन नहीं खरीदा था.

यह भी पढ़े:  आज से पुरे देश में अनलॉक-3 की शुरुआत, जानिए क्‍या खुलेगा और क्‍या रहेगा बंद
Advertisements

Covid 19 Vaccine: इस देश ने पहली कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने का किया दावा, इंसानों पर पूरी तरह सुरक्षित

Advertisements

जो 4 साल में नहीं हो पाया वो 3 महीने में ही हो गया

शर्मा ने बताया कि अब लोग महीने में कम से कम दो बार राशन का सामान मंगा रहे हैं और डिजिटल पेमेंट सुविधाओं का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. उनके मुताबिक, जो पिछले करीब चार साल में नहीं हुआ वो पिछले तीन महीने के भीतर हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नोटबंदी के बाद से ही नकदी के बजाय डिजिटल पेमेंट को प्रोत्‍साहित कर रही है. बता दें कि देश में हर 4 में से 3 उपभोक्‍ता नकद भुगतान करते रहे हैं. केंद्र सरकार ने नवंबर 2016 में अचानक नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा कि इससे भ्रष्‍टाचार पर रोक लगेगी. साथ ही डिजि‍टल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, करेंसी नोट्स की उपलब्‍धता बढ़ने के साथ मोदी सरकार का सपना अधूरा रह गया. अब पिछले तीन महीने में इसमें तेजी आई है.

यह भी पढ़े:  गूगल सीईओ पिचाई ने कहा, कोरोना संकट में हमारे कर्मचारी जून 2021 तक अपने घर से करेंगे काम

मलेशिया में मिली अनोखी मछली जिसका मुंह इंसानो जैसा, तस्वीरें हुई वायरल

रोजमर्रा के सामान के लिए कर रहे डिजिटल पेमेंट

कोरोना संकट के दौरान लोग सब्‍जी, फल, दूध और दूसरी रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों का डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं. नकदी के लेनदेन से कोविड-19 के जोखिम को देखते हुए लोग डिजिटल पेमेंट को तरजीह दे रहे हैं. इससे उनका डिजिटल पेमेंट पहले के मुकाबले दोगुने से ज्‍यादा हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल कहा था कि उसने 2021 तक डिजिटल पेमेंट को जीडीपी के 15 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा है. सरकार ने हर दिन 1 अरब डिजिटल ट्रांजेक्‍शन का लक्ष्‍य रखा है. इस समय अमेजन और एल्‍फाबेट का मुकाबला अलीबाबा समर्थित स्‍थानीय स्‍टार्टअप Paytm और फेसबुक के व्‍हाट्सऐप पे से है.

योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में अब हर हफ्ते इस दिन लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन

78% लोग अगले 6 महीने करेंगे डिजिटल पेमेंट

कैपजेमिनी रिसर्च इंस्‍टीट्यूट के 11 देशों में किए गए एक हालिया सर्वे के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के कारण डिजिटल पेमेंट को जबरदस्‍त बढ़ावा मिला है. उम्‍मीद है कि इनमें से 78 फीसदी लोग अगले 6 महीने तक इसी मोड से पेमेंट करते रहेंगे. इकोनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक और बॉस्‍टन कंसल्टिंग ग्रुप के साझा सर्वे के मुताबिक, भारत में मार्च 2020 के आखिरी सप्‍ताह में लगाए गए लॉकडाउन के बाद से अब तक डिजिटल पेमेंट में जबरदस्‍त इजाफा हुआ है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से अब तक देश में प्रति व्‍यक्ति डिजिटल पेमेंट पांच गुना हो गया है. आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2019 में खत्‍म हुए वित्‍त वर्ष के दौरान प्रति व्‍यक्ति औसतन डिजिटल पेमेंट 22.4 पर पहुंच गया है.

यह भी पढ़े:  पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देश की बेटियों को किया सलाम

अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना में हुए शामिल, जानें इसके दमदार फीचर और खासियत

डिजिटल पेमेंट की राह में अब भी हैं ये रुकावटें

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की राह में अभी भी कई रोड़े हैं. अभी भी देश की जीडीपी के 11.2 फीसदी के बराबर करेंसी नोट बाजार में चलन में हैं, जो दुनिया की दूसरी अर्थव्‍यवस्‍थाओं के मुकाबले बहुत ज्‍यादा है. इसका एक बड़ा कारण है कि देश की सिर्फ एक तिहाई आबादी के पास ही इंटरनेट सुविधा उपलब्‍ध है. वहीं, जिनके पास इंटरनेट सुविधा है, उनमें भी काफी लोगों के सामने कनेक्टिविटी की समस्‍या अकसर बनी रहती है. वहीं, करीब 20 फीसदी भारतीयों के बैंक में खाते ही नहीं हैं. इससे उनके लिए कार्ड ट्रांजेक्‍शन कर पाना संभव ही नहीं है.

Source: News 18 Hindi

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूज़ आधार के साथ. हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newsaadhaar और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @news_aadhaar पर क्लिक करें.

Updated On: July 17, 2020 7:20 pm

News Aadhaar

न्यूज़ आधार पर आप लाइफस्टाइल, हेल्थ, डाइट और फिटनेस, रिलेशनशिप और फ़ूड से जुड़े हुए न्यूज़ पढ़ सकते है.

संबंधित खबरें